टोटल लॉकडाउन के बाद से जरूरतमंदों की मदद कर रही संस्थाओं के खिलाफ भी पुलिस और प्रशासन ने कार्रवाई शुरू कर दी है। शहर में ऐसे करीब तीन से ज्यादा मामले सामने आ चुके हैं। संगठनों का कहना है कि हम भी यही चाहते हैं कि प्रशासन ही गरीबों तक खाद्य सामग्री पहुंचाए, ताकि हमारी जरूरत ही नहीं पड़े, लेकिन ऐसा नहीं हो रहा। लोग हमें फोन कर मदद मांगते हैं।
मुस्कान ग्रुप के संदीपन आर्य ने बताया कि हमारी संस्था रोजाना द्वारकापुरी थाना क्षेत्र सहित कई स्थानों में जाकर लोगों को भोजन के पैकेट और सूखी सामग्री बांटती है। दो दिन पहले हमने एक लोडिंग रिक्शा में आलू मंगाया, लेकिन द्वारकापुरी पुलिस ने उसे जब्त कर केस बना दिया। आलू नगर निगम को दे दिए। जबकि हम लोग थाने में भी जरूरतमंदों को भोजन देते हैं। यह बताने के बाद भी पुलिस नहीं मानी।
कई स्थानों पर नहीं जा पा रहे हैं, जहां राहत सामग्री की जरूरत
जरूरतमंद परिवार को पांच किलो आटा और एक किलो दाल पहुंचाने वाले तीन दोस्तों के ग्रुप के प्रकाश राजदेव ने बताया कि हमने अब तक 85 हजार रुपए खर्च कर खाद्य सामग्री मंगाई, लेकिन अब जब सामान लेकर निकलते हैं तो पुलिस रोक लेती है। कुछ थानों में जाकर बात की, तब कहीं छूट मिली है।